Pali District Details in Hindi 2023

History of Pali District,पाली में क्या क्या प्रसिद्ध है?,प्रमुख मंदिर,महत्‍वपूर्ण तथ्‍य,पाली जिले के अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न

History of Pali District

प्राचीन नाम– पालिका

  • बान्‍दी नदी के किनारे
  • पालीपाल ब्राहम्‍णों केकारण यह पाली कहलाया
  • मारवाड़ की स्‍थापना– राठौड वंश, राव सीहां ने प्रथम राजधानी पाली को बनाया
  • लाखा झवंर का युद्ध 1273 में स्‍थान – बीठू गॉव पाली रावसीहां और मरेेजाति के मध्‍य पालीवाला ब्राहम्‍ण के लिए
  • लाखों बाहम्‍ण वीर गीत को प्राप्‍त हुऐ
  • धौला चबूतरा- बीठू गॉव
  • जनेउ व सफेद चूडियों के ढेर

रावसीहां का स्‍मारक– बीठू गॉव में

रावसीहां का लेंख (रानी पावर्तती द्धारा लिखित)

रावसीहां की अश्‍वारोही प्रतिमा है

पंचतीर्थ:- जैन धर्म प्रमुख स्‍थल

पाली जिले में जैन धर्म के 5 तीर्थो को पंचतीर्थ कहा जाता है

1 वरकाणा:- यहॉ पर भगवान पार्श्‍वनाथ का प्राचनी जैन मन्दिर है (सूर्य मन्दिर)

2 नारलाई:- जैन धर्म के मन्दिर के लिए प्रसिद्ध , नारलाई पाली में स्थित यह स्‍थान जैन मन्दिरों के लिए प्रसिद्ध है नारलाई के जैन मंदिरों में गिरनार तीर्थ बहुत प्रसिद्ध है जिसमें नेमीनाथ की श्‍यामवर्णी प्राचीन प्रतिमा है यही पास में सहसावन तीर्थ भी है जहॉ पर नेमी राजुल के पद चिहिन्‍त है यहॉ भंवर गुफा भी दर्शनीय हैा

गिरनाल में सहसावन तीर्थ स्‍थल/ नेमि राजुल के पद चिहन

3 नाडोल:- जैन मन्दिर

सोनगरा चौहान वंश की राजधानी

4 मूछाला महावीर- कुम्‍भलगढ़ अभ्‍यारण के धाणेराव के निकट

5 राणकपुर जैन मन्दिर:- रणकपुर मेला

मेला तिथि:- फाल्‍गुन शुक्‍ल 4 व 5

6 परशुराम महादेव का मन्दिर:- यहॉ मेला लगता है

7 पीर दुल्‍लेशाह की दरगाह- चौटिला पीर का उर्स

8 सोनाणा खेतला जी का मेला- सोनाणा गॉव

9 बाली पशु मेला- 1 जनवरी से 7 जनवारी तक बाली गॉव

10 बिंटाटिया रामदेव मेला- बिंराटिया गॉव

महत्‍वपूर्ण तथ्‍य:-

1 बैगडी नगर:- शिल्‍प कला / बर्तनो के लिए प्रसिद्ध

2 कामेश्‍वर महादेव:- आउवा

3 सत्‍याग्रह उधोग :- आउवा

4 छाता उधोग:- फालना, गेटवे ऑफ मुम्‍बई देश का प्रथम स्‍वर्ण्‍ मन्दिर मिनी मुम्‍बई

5 पादरला गॉव :- तेरहताली नृत्‍य की जन्‍म स्‍थली, ये नृत्‍य मांगी बाई द्धारा विकसित किया गया

6 भामाशाह की जनम स्‍थली पाली है

7 परशुराम की गुफा में प्राक़तिक शिवलिंग है राजस्‍थान का अमरनाथ कहॉ जाता है

(1) रणकपुर जैन मन्दिर:- सादडी के निकट पाली

चौमुख जैन मंदिर रणकपुर- \चौमुखा जैन पाली की देसूरी तहसील में स्थित रणकपुर का चौमुखा जैन मंदिर प्रसिद्ध श्रेताम्‍बर जैन मंदिर है जो शिल्‍प व विशालता की द़ष्टि से अद्धितीय है यह माद्री पर्वत की छाया में रणकपुर गॉव में महाराणा कुभा के काल में धरणकशाह द्धारा शिल्‍पी देपा की देखरेख में सनद्य 1439 में बनवाया गया था

रणकपुर का चौमुख जैन मंदिर भगवान आदिनाथ का मंदिर है यह नलिनी गुल्‍म देव विमान के आकार प्रकार का है पूरा मंदिर 1444 सतंभो पर खड़ा है किसी भी कोण से खड़े हो भगवान के दर्शन में कोई स्‍तंभ आडें नही होता मूल गर्भ गृह में विराजित भगवान आदिनाथ की प्रतिमा लगभग 5 फुट की है एवं ऐसी कुल चार प्रतिमाऍ चारो दिशाओं में स्‍थापित है संभवत: इसी कारण से इस मंदिर का उपनाम ‘ चतर्मख जिन प्रसाद भी है रणकपुर जैन मंदिर को ‘ स्‍तम्‍भो का वन’ चतर्मख जिन प्रसाद’ भी है रणकपुर जैन मंदिर को स्‍तम्‍भों का वन भी कहते है इस मंदिर को कवि माघ ने त्रीलोक दीपक व आचार्य विमल सूरी ने नलिनी गुल्‍म विमान’ कहा है

निर्माण- धरणक शाह

वास्‍तुकार- देपाक

मधाई नदी के किनारे माही पर्वत

1444 खम्‍भे पर स्थित

समर्पित – आदिनाथ को

भूमिज शैली का मन्दिर पंचायतन शैली

खम्‍भो का वन खम्‍भो का मन्दिर खम्‍भो का अजायबघर आदिनाथ जैन मन्दिर

(2) निम्‍बो के नाथ महादेव:- फालना व सांडेराव मार्ग पर

ये मन्दिर ” नाथ सम्‍प्रदाय” का है

(3) सालेश्‍वर महादेव मन्दिर:- गुढा प्रताप सिंह ग्राम की गुफा में

पांडवो की शरण स्‍थली भीमगौडा- पांडवो से सम्‍बन्‍ध

(4) नाबा के जैन मन्दिर:-

यहॉ अनेक जैन मन्दिर है, जो 2500 वर्ष पूर्व के है

समार्पित – महावीर स्‍वामी, जीवन्‍त स्‍वामी कहा जाता है

सादड़ी- बराह अवतार मन्दिर

भैंगवार पार्श्‍वनाथ के मन्दिर खुदा बक्‍श बाबा की दरगाह

बाली- मिश्री नदी के किनारे ये पाली की तहसील है

कुडकी गॉव- मीरॉ बाई का 1448 में इसी गॉव में जनम हुआ , मीरॉगढ़ दुर्ग

सिरियारी:- जैन श्‍वेताम्‍बर तेरा पंथ के प्रथम आचार्य श्री मिक्षु का निर्माण स्‍थली

श्‍वेताम्‍बर तेरापंथी सम्‍प्रदाय का तीर्थ स्‍थल

चामुण्‍डा माता का मन्दिर/ मरकण्‍डी माता- नियाज

सोजत – सूकडी नदी के किनारे

सोजत का किला – नानी सिरडी पहाड़ी

वीर मस्‍तान की दरगाह– मेहन्‍दी के लिए प्रसिद्ध

राता महावीर का जैन मन्दिर पाली में

पाली में क्या क्या प्रसिद्ध है?

  • रणकपुर जैन मंदिर प्राकृतिक सौन्दर्य के बीच, घाटियों से घिरा यह भव्य मंदिर, जैन समुदाय के लिए बड़ा तीर्थस्थल है। …
  • जवाई बांध …
  • परशुराम महादेव मंदिर …
  • निंबोका नाथ मन्दिर …
  • रणकपुर बाँध / सेतु ( डैम ) …
  • समंद झील ( सरदार समंद ) …
  • सूर्य मन्दिर …
  • ओम बन्ना धाम

पाली जिले के अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न

  • डी.एल.एफ. बिनानी सीमेंट का कारखाना – इसकी स्थापना 1996 में पोर्टलैंड सीमेंट देश की D.L.I. सीमेंट कम्पनी द्वारा दयालपुरा व पाटन केरपुरा गांव में 410 करोड़ की लागत से सीमेंट संयंत्र की स्थापना की गयी। 
  • एरियनपुरा छावनी में (21 अगस्त, 1857) – यहां पर सैनिको ने 21 अगस्त, 1857 को एजेंट टू  गवर्नर जनरल के पुत्र शिवनाथ सिंह के नेतृत्व में विद्रोह किया और ‘चलो दिल्ली मारो फिरंगी’ का नारा देते हुए दिली की ओर कुछ किया था। 
  • गिरी सुमेल/जैतारण का युद्ध – गिरी सुमेल का युद्ध 1544 ईस्वी में शेरशाह सूरी व मालदेव के मध्य हुआ जिसमे शेरशाह सूरी विजयी रहा था। 
  • सुगाली माता – सुगाली  माता को 1857 की क्रांति की देवी भी कहते है। यह आऊवा के ठाकुर कुशालसिंह चम्पावत की इष्टदेवी है। इसकी मूर्ति वर्तमान में पाली के संग्रहालय में रखी गई है। 
  • सूकड़ी नदी – सूकड़ी नदी का उद्गम देसूरी (पाली के पास) से होता है। 
  • महाराजा उम्मेदसिंह मिल्स लिमिटेड – इसकी स्थापना 1942 ईस्वी में पाली में की गयी थी। यह राजस्थान की सबसे बड़ी एवं सर्वाधिक उत्पादन करने वाली मिल है। 
  • जवाई नदी – जवाई नदी का उद्गम पाली जिले की बाली तहसील के गौरया गांव से होता है। इस जवाई नदी में जल प्रदूषण का प्रमुख कारण रंगाई और छपाई उद्योग है। 
  • जवाई बांध – पाली जिले के सुमेरपुर के निकट जवाई नदी पर यह जवाई बांध स्थित है। यह बांध पश्चिमी राजस्थान का सबसे बड़ा बांध है।  इस बांध को मारवाड़ का अमृतसरोवर भी कहा जाता है। इसका निर्माण जोधपुर के महाराजा उम्मेदसिंह के द्वारा इंजीनियर एडगर की देखरेख 13 मई, 1946  में करवाया गया था। 
  • पाली जिले के अन्य बांध – बीठन बांध, पादरा टेंक, हेमावास बांध, बांकली बांध आदि। 
  • सात रंग का संगमरमर ख़ानदरी गांव (पाली जिले) से प्राप्त होता है। 
  • राजस्थान में जैन धर्म का प्रथम स्वर्ण मंदिर – फालना (पाली जिले) में है। 
  • राजस्थान का सर्वाधिक आठ जिलों की सीमा से लगने वाला जिला – पाली जिला है। 
  • राजस्थान का सर्वाधिक राष्ट्रीय राजमार्गों की संख्या (07) वाला जिला   –  पाली जिला। 
  • सोनमुखी व मेहँदी की मंडी सोजत (पाली) में है। 
  •  गरासियों की फ़ाग – सोजत (पाली) की प्रसिद्ध है। 
  • राजस्थान में भूमिज शैली का सबसे पुराना मंदिर पाली जिले का सेवाड़ी जैन मंदिर है। 
  • पीर दुल्लेशाह की दरगाह – सोजत (पाली) में है। 
  • खुदा बक्श बाबा की दरगाह – सादड़ी (पाली) में है। 
  • मस्तान बाबा की दरगाह – सोजत (पाली) में है। 
  • लल्लू लिया नामक रुपया रियासत कालीन सोजत में प्रचलित था। 

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