Jiv janan kaise karte hai class-10

जीव जनन कैसे करते हैं क्‍या जीव पूर्णत: अपनी प्रतिकृति का सृजन करते है एकल जीवों में प्रजनन की विधि

jiv janan kaise karte hain class 10th  कैसे करते हैं

जीवों के जनन की क्रिया विधि पर चर्चा करने से पूर्व आइए हम एक मूलभूत प्रश्‍न करें . जीव जनन क्‍यों करते है ? वास्‍तव में पोषण श्‍वसन अथवा उत्‍सर्जन जैसे आवश्‍यक जैव प्रक्रमों की तुलना में किसी व्‍यष्टि जीव को जीवित रहने के लिए जनन आवश्‍यक नहीं है दूसरी ओर जीव को संतति उत्‍पन्‍न करने के लिए अत्‍यधिक उर्जा व्‍यय करनी पड़ती है फिर जीव उस प्रक्रम में अपनी उर्जा व्‍यर्थ क्‍यों करे जो उसके जीवित रहने के लिए आवश्‍यक नही है? कक्षा में इस प्रश्‍नगत के संभावित उतर खोजना अत्‍यंत रोचक होगा

इस प्रश्‍न का जो भी उतर हो परतुं यह स्‍पष्‍ट हे कि हमें विभिन्‍न जीव इसलिए दृष्टिगोचर होते क्‍योंकि वे जनन करते है यदि वह जीव एकल होता तथा कोई भी जनन दारा अपने सदृश व्‍यष्टि उत्‍पन्‍न नही करता तो संभव है कि हमें उनकी अस्तित्‍व का पता भी नही चलता किसी स्‍पीशीज में पाए जाने वाले जीवों की विशाल संख्‍या ही हमें उसके अस्तित्‍व का ज्ञान कराती हैा हमें कैसे पता चलता है कि दो व्‍यष्टि एक ही स्‍पीशीज के सदस्‍य है ? सामान्‍यत: हम ऐसा इसलिए कहते हैंं क्‍योंकि वे एकसमान दिखाई देते है अत: जनन करने वाले जीव संतति का सृजन करते है जो बहुत सीमा तक उनके समान दिखते हैा

क्‍या Jiv janan पूर्णत: अपनी प्रतिकृति का सृजन करते है ?

विभिन्‍न जीवों की अभिकल्‍प आकार एवं आकृति समान होने के कारण ही वे सदृश प्रतीत होते है शरीर का अभिकल्‍प समान होने के लिए उनका ब्‍लूप्रिंट भी समान होना चाहिए अत: अपने आधारभूत स्‍तर पर जनन जीव के अभिकल्‍प का ब्‍लूप्रिंट तैयार करता है कक्षा 9 में आप पढ़ चके है कि कोशिका के केद्रक मे पाए जाने वाले गुणसूत्रों के डी एन ए - DNA (डि; आक्‍सीराइबोन्‍यूक्‍लीक अम्‍ल) के अगुओं में आनुवंशिक गुणों का संदेश होता है जो जनक से संतति पीढ़ी में जाता है कोशिका के केंद्रक के डी एन ए में प्रोटीन संश्‍लेषण हेतु सूचना निहित होती हैा इस संदेश के भिन्‍न होने की अवस्‍था में बनने वाली प्रोटीन भी भिन्‍न होगी विभिन्‍न प्रोटीन के कारण अंतत: शारीरिक अभिकल्‍प में भी विविधता होगी 

अत: जनन की मूल घटना डी एन ए (DNA) की प्रतिकृति बनाना हैा डीएनए की प्रतिकृति बनाने के लिए कोशिकाऍ विभिन्‍न रासायनिक क्रियाओं का उपयोग करती है जनन कोशिका में इस प्रकार डीएनए की दो प्रतिकृतियॉ बनती है तथा उनका एक दूसरे ेेअलग होना आवश्‍यक है परन्‍तु डीएनए की एक प्रतिकृति को मूल कोशिका में रखकर दूसरी प्रतिकृति को उससे बाहर निकाल देने से काम नहीं चलेगा क्‍योंकि दूसरी प्रतिकृति के पास जैव प्रक्रमों के अनुरक्षण हेतु संगठित कोशिकीय संरचना संरचनाओं का सृजन भी होता रहता है इसके बाद डीएनए की प्रतिकृतियॉ विलग हो जाती है परिणामत: एक कोशिका विभाजित होकर दो कोशिकाऍ बनाती हैा

यह दोनों कोशिकाऍ यधपि एकसमान है, परंतु क्‍या वे पूर्णरूपेण समरूप है ? इस प्रश्‍न का उतर इस बात पर निर्भर करता है, प्रतिकृति की प्रक्रियाऍ कितनी यथार्थता से संपादित होती हैा कोई भी जैव रासायनिक प्रक्रिया पूर्णरूपेण विश्‍वसनीय नहीं होती अत: यह अपेक्षित हे कि डीएनए प्रतिकृति अपने कोशिकीय संगठन के साथ विभिन्‍नता आएगी परिणामत: बनने वाली डी एन ए प्रतिकृतियॉ एकसमान तो होगी, परंतु मौलिक डीएनए का समरूप नहीं होगीं हो सकता है कि कुछ विभिन्‍नताऍ इतनी उग्र हों कि डीएनए की नयी प्रतिकृति अपने कोशिकीय संगठन के साथ समोजित नही हो पाए इस प्रकार की संतात कोशिक मर जाती हैा दूसरी ओर डीएनए प्रतिकृति की अनेक विभिन्‍नताऍ इतनी अग्र नही होतीं अत: संतति कोशिकाऍ समान होते हुए भी किसी न किसी रूप मे एक दूसरे से भिन्‍न होती हैा जनन में होने वाली यह विभिन्‍नताऍ जैव विकास का आधार है, जिसकी चर्चा हम अगे अध्‍याय में करेंगे

1.1 विभिन्‍नता का महत्‍व

अपनी जजन क्षमता का उपयोग कर जीवों की समष्टि पारितंत्र में स्‍थान अथवा निकेत ग्रहण करते है जनन के दौरान डीएनए प्रतिकृति का अविरोध जीव की शारीरिक संरचना एवं डिजाइन के लिए अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण है जो उसे विशिष्‍ट निकेत के योग्‍य बनाती हैा अत: किसी प्रजाति (स्‍पीशीज) की समष्टि के स्‍थायित्‍व का संबंध जनन से हैा

परंतु निकेत में अनेक परिवर्तन आ सकते है जो जीवों के नियंत्रण से बाहर हैा पृथ्‍वी का ताप कम या अधिक हो सकता है, जल स्‍तर मे परिवर्तन अथवा किसी उल्‍का पिंड का टकराना इसके कुछ उदाहरण हैा यदि एक समष्टि अपने निकेत के अनुकूल है तथा निकेत मेें कुछ उग्र परिवर्तन आते है तो ऐसी अवस्‍था में समष्टि का समूल विनाश भी संभव हैा परंतु, यदि समष्टि के जीवों में कुछ विभिन्‍नता होगी तो उनके जीवित रहने की कुछ संभावना हैा अत: यदि शीतोष्‍ण जल में पाए जाने वाले जीवाणुओं की कोई समष्टि है तथा वैश्विक उष्‍मीकरण के (Global Warming) कारण जल का ताप पढ जाता है तो अधितर जीवाणु व्‍यष्टि मर जाऍगे, परंतु उष्‍ण प्रतिरोधी क्षमता वाले कुछ परिवर्त ही जीवित रहते है तथाा वृदि करते हैा अत: विभिन्‍नताऍ स्‍पीशीज की उतरजीविता बनाए रखने में उपयोगी हैंा

एकल जीवों में प्रजनन की विधि

क्रियाकलाप 1

  • 100 ml जल में लगभग 10 g चीनी की घोलिए
  • एक परखनली में इस विलयन का 20 ml लेकर उसमें एक चुटकी यीस्‍ट पाउडर डालिए ा
  • परखनली के मुख को रूई से ढक कर किसी गर्म स्‍थान पर रखिए
  • 1 या 2 घंटे पश्‍चात, परखनली से यीस्‍ट संवर्ध की एक बूॅद स्‍लाइड पर लेकर उस पर कवर स्लिप रखिए
  • सूक्ष्‍मदर्शी की सहायता से स्‍लाइड का प्रेक्षण कीजिए

क्रियाकलाप 2

  • डबल रोटी के एक टुकडे़ को जल में भिगों कर ठंडे नम तथा अंधरे स्‍थान पर रखिए
  • आवर्धक लैंस की सहायता से स्‍लाइस की सतह का निरीक्षण कीजिए
  • अपने एक सप्‍ताह के प्रेक्षण कॉपी में रिकॉर्ड कीजिए
  • यीस्‍ट की वृदि एवं दूसरी क्रियाकलाप में कवक की वृदि के तरीके की तुलना कीजिए तथा ज्ञात कीजिए कि इनमें क्‍या अंतर हैा
  • इस चार्चा के बाद कि जनन‍ किस प्रकार कार्य करता है, आइए हम जाने कि विभिन्‍न जीव वास्‍तव में किसी प्रकार जनन करते हैा विभिन्‍न जीवों के जनन की विधि उनके शारीरिक अभिकल्‍प पर निर्भर करती हैा

विखंडन

एक कोशिक जीवों में कोशिक विभाजन अथवा विखंडन द्ारा नए जीवों की उत्‍पति होती हैा विखंडन के अनेक तरीके प्रेक्षित किए गए अनेक जीवाणु तथा प्रोटोजोआ की कोशिका विभाजन द्वारा सामान्‍यत: दो बराबर भागो में विभक्‍त हो जाती हैा अमीबा जैसे जीवों में कोशिका विभाजन किसी भी तल से हो सकता हैा

क्रियाकलाप 3

  • अमीबा की स्‍थायी स्‍लाइड का सूक्ष्‍मदर्शी की सहायता से प्रेक्षण कीजिए
  • इसी प्रकार अमीबा के दिखंडन की स्‍थायी स्‍लाइड का प्रेक्षण कीजिए
  • अब दोनो स्‍लाइडों की तुलना कीजिए
  • परतुं कुछ एक कोशिक जीवों में शारीरिक संरचना अधिक संगठित हाेती है उदाहरणत: कालाजार केरोगाणु, लेस्‍मानिया में कोशिका के एक सिरे पर कोडे के समान सूक्ष्‍म संरचना होती हैा ऐसे जीवों में दिखंडन एक निर्धरित तल से होता हैा मे‍लेरिया परजीवी, प्‍लैज्‍योडियम जैसे अन्‍य एक कोशिक जीव एक साथ अनेक संतति कोशिकाओं में विभाजित हो जाते है, जिसे बहुखंडन कहते है
  • दूसरी ओर यीस्‍ट कोशिका से छोटे मुकुल उभर कर कोशिका से अलग हो जाते है तथा स्‍वतंत्र रूप से वृदि करते है जैसा कि हम क्रियाकलाप 1 में देख चुके हैा

खंडन

क्रियाकलाप 4

किसी झील अथवा तालाब जिसका जल गहरा हरा दिखाई देता हो और जिसमें तंतु के समान सरंचनाऍ हो, उसमें कुछ जल एकत्र कीजिए

एक स्‍लाइड पर एक अथवा दो तंतु रखिए

इन तंतुओं पर ग्लिसरीन की एक बूंद डाल कर कवर स्लिप से ढक दीजिए

सूक्ष्‍मदर्शी के नीचे स्‍लाइड का प्रेक्षण कीजिए

क्‍या आप स्‍पाइरोगाइरा तंतुओं में विभिन्‍न उतक पहचान सकतेे है ?

सरल संरचना वाले बहुकोशिक जीवों में जनन की सरल विधि कार्य करती है उदाहरणत: स्‍पाइरोगाइा सामान्‍यत: विकसित होकर छोटे छोटे टुकड़ों में खंडित हो जाता हैा यह टुकडे अथवा खंड वृदि कर नए जीव व्‍यष्टि में विकसित हो जाते है विक्रयाकलाप 4 के प्रेक्षण के आधार पर क्‍या हम इसका कारण खोज कसते है

परतु यह सभ बहुकोशिक जीवों के लिए सत्‍य नहीं है वे सरल रूप से कोशिकादर कोशिका विभाजित नहीं होते ऐसा क्‍यो है ? इसका कारण है कि अधिकतर बहुकोशिक जीव विभिन्‍न कोशिकाओं का समूह मात्र ही नहीं हैा विरोष कार्य हेतु विशिष्‍ट कोशिकाऍं संगठित होकर उतक निर्माण करती है तथा उतक संगठित होकर अंग बनाते है, शरीर में इनकी स्थिति भी निश्चित होती है ऐसी सजग व्‍यवस्थित परिस्थिति में कोशिका दर कोशिका विभाजन अव्‍यावहारिक हैा अत: बहुकोशिक जीवों को जनन के लिए अपेक्षाक़त अधिक जटिल वधि की आवश्‍यकता होती हैा

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