Jalore District Details in Hindi

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Jalore District Details (जालोर )

  • जालोर केा ग्रेनाइट सिटी के नाम से जाना जाता है
  • जालोर जाबाली ऋषि की तपोभूमि थी
  • प्राचीन नाम जबालीपुर पड़ा
  • जाबालीपुर/ जालहुर बिलोलिया शिलालेख “सूकड़ी नदी के किनारे”
  • प्रतिहार, परमार, चौहान आदि शासको ने यहॉ पर शासन किया
  • डॉ0 दशरथ शर्मा ने कहा है कि जालोर को प्रथम राजधानी जिसने बनाया है वो प्रतिहार शासक नाग भटट प्रथम हैा
  • निर्माण:- नागभटट I
  • जालोर:– जलालाबाद मिलता है, अलाउदीन खिलजी
  • जलोर में दो प्रसिद्ध वैज्ञानिक हुए है

1 बम्‍हागुप्‍ता:- प्राचीन नाम भीन माल (श्री माल) ये खगोल शास्‍त्री थे

  • प्रमुख ग्रन्‍थ:- ब्रहय स्‍फूट सिद्धान्‍त
  • महाकवि माघ:- (भीन माल ये जन्‍म हुआ) शिशुपाल वध नामक ग्रन्‍थ लिखा
  • जालोर का उपनाम सुवर्ग नगरी भी मिलता है
  • जालोर में चट़टानो से बनी पहाडि़या है

1 जालोर की पहाड़ी:- सुवर्ग गिरी/कनकाचंल पर्वत जालौर दुर्ग

2 इसरना/राजनवाडी पहाड़ी:-

  • इन पहाड़ी के तलहटी में जागनाथ महादेव काा मन्दिर हैा
  • ये दोनो पहाडि़यॉ ग्रेनाइट से बनी है
  • जसवन्‍तपुरा की पहाड़ी:– (मारवाड़ का माउण्‍ट आबू)

महत्‍वपूर्ण तथ्‍य:-

1 नेहड क्षैत्र:- समुद्री तुलदल के लिए प्रसिद्ध हैा

2 रेल/नाड़ा:- लूणी नदी का अपवाह क्षैत्र

3 सांचोर/सायला क्षैत्र:- बालुका स्‍लूप

  • जसवन्‍तपुरा की पहाडि़या, इसराना भाखर सुवर्ण गिरी, कनकाचल की पहाडि़या
  • रानीवाडा क्षैत्र का जालोर का कश्‍मीर

बड़गॉव

बांकली बाध:- आहोर तहसील

सूकडी नदी पर है

  • निर्माण:- 1989-1905 के मध्‍य अकाल राहत कार्ये के दौरान
  • जालोर जिले का सबसे प्राचीन व बड़ा बांध है
  • बाबा रधुनाथपुरी का मेला:- (संचोर में भरता है)
  • सेवडिया पशु मेला:- रानीवाड़ा में भरता है
  • आशापुरी माता जी का मेला:- (मोंदरा में भरता है)

प्रमुख मन्दिर:-

श्री लक्ष्‍मी वल्‍लम पार्श्‍वनाथ

  • श्री लक्ष्‍मी वल्‍लम पार्श्‍वनाथ 72 जनालय:- जालोर
  • ये मन्दिर भीनमाल स्‍थान पर है
  • प्ररेणा:- ऋषभचन्‍द विजय जी महाराजा
  • जैन धर्म के 24 तीर्थकरो को 3-3 प्रतिमाये है
  • देश का सबसे बड़ा मन्दिर है
  • यह मन्दिर सर्वतोभद श्री यंत्र रेखा पर बनाया गया है जिसके दर्शन मात्र से ही लक्ष्‍मी की प्राप्ति हो सकती है
  • ये मन्दिर 100 एकड जमीन पर फैला हुआ है
  • निर्माण- जुकड परिवार, एक ही परिवार द्धारा प्रारम्‍भ करवाया गया
  • पूर्ण:- किशोरमल, माणकमल तथा रमेश जी लुकड ने पूर्ण करवाया है

सिरे मन्दिर:-

  • ये मन्दिर जालौर दुर्ग के सामने है
  • ये मन्दिर योगीराज जालन्‍धर की तपोभूमि है
  • मनिदर का आरम्‍भ राजा रतनसिंह के द्धारा
  • पुन: निर्माण महाराजा मानसिंह ने करवाया
  • माराजा मानसिह के गुरू आयस देवनाथ है
  • ये मन्दिर एक प्रकार का शिवालय है
  • ये मन्दिर नाथ सम्‍प्रदाय का है

तल्‍लीनाथ जी का मन्दिर:- (पांचोटा गॉव जालोर), गुरू- जालन्‍धरनाथ

  • यह जालोर जिले के मुख्‍य लोक देवता है
  • तल्‍लीनाथ जी का मूल नाम:- गांगदेव राठौड
  • जन्‍म:- शेरगढ़ (जोधपुर)

सुण्‍डा माता का मन्दिर:-

दांतला वास/रानीवाड़ा गॉव (जालौर)

ये मन्दिर 1220 एम उॅचाई पर स्थित है

मॉ अहेटेश्‍वरी का मन्दिर है जिसे चामुण्‍डा माता भी कहा जाता है

यहॉ पर केवल शीश की पुजा की जाती है

इस माता का मन्दिर वर्ष में 2 बार भरता है

भाद्र शुक्‍ल 13 से पूर्णिमा तक

1 वैशाख शुक्‍ल 13 से पूर्णिमा तक

होली के अवसर पर यहॉ “भाटा गैर नृत्‍य” का आयोजन होता है

राजस्‍थान का प्रथम रोप-वे = 20 दिसम्‍बर 2006 को आरम्‍भ किया गया

महोदरी/आशा पुरी माता का मन्दिर:- योंदरा गॉव सोनगरा चौहान वंश की कुलदेवी

मेला:- 1 चैत्र नवरात्र 2 आश्विन नवरात्र

यह मूर्ति लगभग 1000 वर्ष पुरानी है

जगत स्‍वामी/जगमडेरा मन्दिर (भीनमाल गॉव)

यह एक सूर्य मन्दिर है

गौरी शंकर हीरानंद औझा ने इसे राज्‍य का प्राचीन तम सूर्य मन्दिर बताया

1 मलिक शाह पीर की दरगाह– जालौर दुर्ग में

2 अलाउदीन खिलजी की दरगाह/अलाई दरगाह– जालौर दुर्ग

तोपखाना मस्जिद:- (जालौर दुर्ग) यह राजा भोज परमार द्धारा निर्मित मूलत: यह संस्‍कृत पाठशाला थीा

वीरफता जी का मन्दिर:– सांधू गॉव (जालौर)

गोगाजी की ओल्‍डी- किलोरियों की ढाणी (सांचोर- जालौर)

श्रेंमकरी/ खीमज माता:– श्रेमकडी पहाडी पर (जालौर)

मार्ग रक्षक देवी

सोंलकी शासकों की कुलदेवी

सुमद्रा माता:- भाद्राजूण, घूकड़ा माता भी कहा जाता है

सांचोर ये पांच नदियॉ बहती है इसी कारण सांचोर को राजस्‍थान का पंजाब कहा जाता है

सांचोर का प्राचनी नाम- सत्‍यपुर

हरजी गॉव:- मामादेव के मिटटी के घोड़े हरजी गॉव में बनते है

नाथो का दुगा/कोट कास्‍ता दुर्ग:– (भीन माल में )

भीनमाल (श्रीमाल)

भनमाल ये चीनी यात्री आया हेनसांग

जिसने भीनमाल का नाम पीलोमालो बताया

जालौर के अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न/तथ्य | Jalore GK in Hindi 

  • राजस्थान का वह जिला जिसकी आकृति व्हेल मछली के समान है – जालोर जिला। 
  • राजस्थान का पहला गौ-मूत्र बैंक – सांचोर (जालोर) में है। 
  • राजस्थान का प्रथम रोप-वे सुंधा माता के मंदिर (जालोर) में हैं। 
  • राष्ट्रीय कामधेनु विश्वविद्यालय – पथमेड़ा (सांचोर, जालोर) में है। 
  • देश व राजस्थान का पहला एचआईवी (एड्स) रोगियों का स्वयं का अस्पताल जालोर में है। 
  • राजस्थान का औद्योयोगिक दृष्टि से सबसे पिछड़ा जिला – जालोर जिला। 
  • राजस्थान का न्यूनतम महिला साक्षरता वाला जिला – जालोर जिला। 
  • सांचोर के उपनाम – नेहड़, सत्यपुर, राजस्थान का पंजाब (पांच नदियों के कारण ) 
  • सांगी नदी – सांगी नदी राजस्थान के जालोर जिले की जसवंतपुरा पहाड़ी से निकलती हुई जालोर में ही लूणी नदी में मिल जाती है। 
  • राजस्थान में ईसबगोल (घोड़ा जीरा) मंडी – भीनमाल (जालोर) में है। 
  • जालोर जिला ईसबगोल एवं टमाटर की खेती के लिए प्रसिद्ध है। 
  • फ्लोरस्पार/फ्लोराइट खनिज – कीटनाशक दवाई बनाने में, सिरेमिक उद्योग में एवं हाइड्रोक्लोरिक अम्ल बनाने में उपयोग आने वाला फ्लोराइट के जालोर में उत्पादक क्षेत्र – करारा एवं भीनमाल हैं। 
  • गुलाबी रंग का संगमरमर एवं ग्रेनाइट जालोर में मिलता है। 
  • जालोर में प्रमुख मस्जिद / दरगाह / मकबरे – हजरत मख्दुन पीर की दरगाह (पीर की जाल), अलाउद्दीन खिलजी की मस्जिद, अब्बनशाह अल्लेहिर्रहमा की दरगाह (सांचोर), मलिक शाह पीर की दरगाह (जालोर दुर्ग में ) आदि।  
  • ढोल नृत्य – यह नृत्य पुरुषों द्वारा जालोर में किया जाता है। इस नृत्य को प्रकाश में लाने का श्रेय जयनारायण व्यास को जाता है। 
  • लुम्बर नृत्य – यह नृत्य होली के अवसर पर जालोर में किया जाता है। 
  • राजस्थान में जीरे का सर्वाधिक उत्पादक जिला – जालोर जिला है। 
  • नर्मदा नहर परियोजना से राजस्थान में पानी 27 मार्च, 2008 को राजस्थान के जालोर जिले के सीलू गांव में आया था। नर्मदा नहर राजस्थान में सीलू गांव से प्रवेश करती है। 

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