Hanumangarh District Details in Hindi

हनुमानगढ़ जिला के प्रमुख मन्दिर,कालीबंगा सभ्यता ,रावतसर , पल्‍लुु

Hanumangarh District Histroy

हनुमानगढ़ को 13 जुलाई 1994 को जिला बनाया गया है यह राजस्‍थान का 31 वां जिला हैा

हनुमानगढ़़ के प्राचीन सभ्‍यताओं की भूमि :-

1. कालीबंगा

2. पीलीबंगा

3. पल्‍लुु

हनुमानढ़ में भटनेर का किला है जो भारत के सबसे पुराने किलों में से एक माना जाता है

  • हनुमानगढ़ भारतीय रास्‍थान का एक शहर है जो घग्‍घर नदी के तट पर स्थित है जिसे प्राचीन सरस्‍वती नदी के रूप में भी पहचाना जाता है, जो दिल्‍ली से लगभग 400 किमी दूर स्थित है यह हनुमानगढ जिले की प्रशासनिक सीट है शहर को कभी भटनेर कहा जाता था (वैकल्पिक रूप से भटनेर लिखा जाता है था)
  • क्‍योकि इसकी स्‍थापना राजा भूपत ने 298 ईस्‍वी में की थीा यह भाटी कबीले के राजपुतो के नियंत्रण में रहा और 1391 में तैमूर द्वारा एक ऐतिहासिक घेराबंदी का सामना किया, जिसके दौरान भाटी राजा दुलाचंद ने थोडे समय के लिए किला खो दिया
  • किले पर बाद में बीकानेर के राव जेटसा ने कब्‍जा कर लिया थाा
  • मगलवार के दिन भटनेर दुर्ग को बीकानेर के शासक सूरत सिंह ने जीत लिया था जिस कारण इसका नाम हनुमानगढ़ रखा गया इस दुर्ग की नीवं 298 ई में रखी गई भाटी शासक भूपत द्वारा
  • इस (भटनेर दुर्ग) में हिन्‍दु व मुस्‍लमान रानी ने मिलकर जोहर किया था
  • सर्वाधिक विदेशी आक्रमण भटनेर दुर्ग पर हुए ये दुर्ग मिटटी से निर्मित है

रावतसर

रावतसर की स्‍थापना 1584 में राघोदास ने विजय के माध्‍यम से की थी इसे पहले सिहायगोती कहा जाता था, क्‍योंकि इस पर सियाग जाटों का शासन था और कुछ हिस्‍सो पर गुहिलोत राजपुतों का भी शासन था उनसे पास एक सामान्‍य उत्‍पीड़क था रनिया का नवाब जिसने इस क्षैत्र पर छापा मारा और लूटपाट की राघोदास ने उसे हरा दिया और उसने रावतसर का ठिकाना स्‍थापित किया

उन्‍होने दक्‍खन, दक्षिण भारत, गुजरात में लड़ाई में योगदान के लिए रावत की उपाधि अर्जित की, जिसमें कांधलोत कबीले (रावत कांधल के वंशज) के मुखिया के साथ साथ प्रतिष्‍ठा भी है और सुल्‍तानपुरा कबीले का मुखिया जैतपुर से रावतसर में स्‍थानांतरित हो गया राघोदास ने खेत्रपाल जी मंदिर का निर्माण भी करवाया था

खेतपाल जी मंदिर और मेला

जब राघोदास बुरहापुर गए तो सूखे के कारण सेना के भोजन और पानी की आपूर्ति कम हो गई थी, दबाव का सामना करने के कारण उसने सोचा कि अपने अनुयापियों को विफल करने के बजाय खुद को मारना बेहतर है जब वह खुद को मारने की कोशिश कर रहा था कहा जाता है

कि भैरव उसके सामने प्रकट हुए और उसे एक निश्चित स्‍थान पर जाने के लिए निर्देशित किया जहॉ उसे पूरी सेना और एक मूर्ति के लिए राशन मिलेगा उन्‍होने ऐसा ही किया और इस मूर्ति को खेत्रपाल जी मंदिर में स्‍थापित कर दिया गया यहॉ हर साल एक बड़ा मेला लगता है इसे रामदेवजी और खेतरपालजी मेला के नाम से जाना जाता है

मंदिर में श्रदालु दर्शन करते है बाबा रामदेव जी और बाबा खेत्रपाल जी की रावतसर तहसील में किंकरिया एक और मेला है जो हर साल कई बार केसरनाथ जी के लिए आयोजित किया जाता है जिनहे सांप काटने के इलाज के लिए देवता माना जाता है

 कालीबंगा सभ्यता

“कांस्य युगीन सभ्यता/आद्य ऐतिहासिक सभ्यता/नगरीय सभ्यता/पश्च हड़प्पा कालीन/हड़प्पा कालीन/प्राक हड़प्पा कालीन सभ्यता” आदि के उपनामों से प्रसिद्ध कालीबंगा सभ्यता से सिंधु घाटी सभ्यता के अवशेष प्राप्त हुए है। इतिहासकार दशरथ शर्मा ने कालीबंगा सभ्यता को “सिंधु घाटी साम्राज्य की तीसरी राजधानी” कहा है। कालीबंगा का शाब्दिक अर्थ – ‘काले रंग की चूड़ियां’ | कालीबंगा सभ्यता सरस्वती/द्वेषद्वती/घग्घर नदी के मुहाने पर स्थित है। कालीबंगा के खोजकर्ता – 1951-52 में अमलानंद घोष। कालीबंगा के उत्खनन कर्ता – 1961-62 में बृजवासी लाल (बी. बी. लाल ) एवं बाल कृष्ण थापर (बी. के. थापर) | 

जिले में कालीबंगा (सिंधु घाटी सभ्‍यता) और पल्‍लु के पुरातात्विक स्‍थल शामिल है कुछ लोग अनौपचारिक रूप से इसे राजस्‍थान का पंजाब कहते है क्‍योंकि जिले में बाकी राजस्‍थान की तुलना में बडी संख्‍या में पंजाबी बालेने वाले लोग है हालांकि पंजाबी बोलने वाले अभी भी अल्‍पसंख्‍यक है अधिकाशं लोग राजस्‍थानी बागरी, और अन्‍य करीबी बोलियो, पंजाबी और हिंदी को समझने मे सक्षम है

Hanumangarh District के प्रमुख मन्दिरः-

  • गोगा मेडी का मन्दिरः– गोगामेडी तहसील नोहर जिला हनुमानगढ़ गोगा जी को जाहरपीर के नाम से भी जाना जाता है यह उपाधि इन्‍हे मेहमूद गजनबी ने दी थी इन्‍हे सर्पो का लोक देवता भी कहा जाता है
  • गोगा मेडी का मन्दिर मकबरेनुमा है इस नकबरे नुमा मन्दिर का निर्माण फिरोज खॉ तुगलक ने करवाया था इस मन्दिर के प्रवेश द्वार पर बिस्मिलाह की आकृति चिनित है
  • गोगा नवमी के दिन यहॉ मेला लगता है इस मन्दिर में 11 माह तक मुस्लिम पुजारी होता है और 1 माह तक हिन्‍दु पुजारी होता हैा
  • क्‍योकिः- गोगा जी का 15 वॉ वंशज काईम सिंह ने मुस्लिम धर्म स्‍वीकार कर लिया था और उनके वंशज कायमखानी मुस्लिम कहलाये

सिला माता का मन्दिरः-

घग्‍घर नदी के उपवाह क्षैत्र् मेें यह मन्दिर है मुस्लिम भक्‍त इस माता को सिलापीर कहते है

शिला माता मेला:- शिला माता मेला हर गुरूवार को बस स्‍टैंड, हनुमानगढ़ टाउन के पास होता है यह 6 x 2.5 x 2 आकार का पत्‍थर हिंदुओं सिखों और मुसलमानों द्वारा पूजनीय है हिंदू सिख इसे शिला माता कहते है और मुसलमान शिला पीर कहते है

मेलाः- भाद्र शुक्‍ल एकादशी

यहॉ नमक का पानी चढ़ाया जाता है

भद्रकाली माता का मन्दिरः-

यह मन्दिर हनुमानगढ़ जिले के अमरपुरा गॉव में है इस माता के मन्दिर का निर्माण बीकानेर नरेश महाराजा रामसिंह ने करवाया

ऐतिहासिक भद्रकाली जिला मुख्‍यालय से 7 किलाेमीटर की दूरी पर स्थित है कहा जाता है कि बीकानेर के छठे सम्राट महाराजा राम सिंह ने सम्राज अकबर की इच्‍छा पर इस मंदिर निर्माण करवाया था हालांकि तीर्थयात्री वर्ष पर मंदिर में आते है लेकिन चैत्र् 8 और 9 को मेले के दिनाें में, पंजाब हरियाणा और राजस्‍थान के हजारो तीर्थयात्री भद्रकाली की पूजा करने के लिए मंदिर आते है

ब्राहमणी माता का मन्दिर पल्‍लुः- यहॉ मेला प्रत्‍येक माह की अष्‍टमी और नवमी को भरता हैा

पल्‍लु मेला जिला मुख्‍यालय से लगभग 80 किलोमीटर (50 मील) रेत के टीलों से घिरा हुआ है और यहीं पर नवरात्रों के दौरान मता ब्राहम्‍णी मेला लगता है

गुरूद्वारा कबुतर साहिबः– नोहर सिखो के 10 वें गुरू गोविन्‍द सिंह यहॉ पधारे थे

गुरूद्वारा सुखासिंह महताबः- हनुमानगढ़

यादगारी मेला दोनो सिख शहीद हनुमानगढ़ में एक पेड़ के नीचे विश्राम करने आए थे इस पेड़ को वह पेड़ कहा जाता है जहॉ मुगल सूबेदार मस्‍सा खान रंगहार का सिर छोड़ दिया गया था, जब दोनों अमृतसर से उसका सिर काट कर लौटे थे, जहॉ खान अपने अधिकार के तहत हरमंदिर साहिब को नीचा दिखा रहा था और उसका अपमान कर रहा था

भटनेर किले के करीब एक बड़ा सिख गुरूद्वारा खड़ा है और कहा जाता है कि यह पेड़ अभी भी मौजूद है प्रत्‍येक 25 भधों माहिना पर मेले में विभिन्‍न राजनीतिक नेताओं सहित सभी जातियों और धमों के लोग शामिल होते है पंजाब से तीर्थयात्री भी आते है, मुख्‍य रूप से दक्षिणी मालवा जैसे बंठिडा, फिरोजपुर फरीदकोट, फाजिल्‍का और हिसार से आते है अधिकाश सिंख है यह हनुमानगढ और राजस्‍थान के समाज में विभिन्‍न समूहों के बीच सद्वाव और पंजा के साथ जिले के निरंतर जुड़ाव को दर्शाता हैा

पल्‍लु गॉवः- यहॉ उत्‍खन्‍न का काम हुआ और यहॉ से दो सरस्‍वती की जैन मुर्तियॉ प्राप्‍त हुई है जो राष्टिय संग्रहालय दिल्‍ली में सुरक्षित है

खेल का सामान सर्वाधिक हनुमानगढ़ जिले में बनाया जाता है

खाराखेड़ा गॉव (टिब्‍बी तहसील) इन्दिरा गॉधी नहर का राजस्‍थान में प्रवेश

2011 की जनगणना के अनुसार हनुमानगढ़ जिले की जनसंख्या / घनत्व / लिंगानुपात / साक्षरता के आंकड़े

हनुमानगढ़ की कुल जनसंख्या : 17,74,692

हनुमानगढ़ का लिंगानुपात : 906 

हनुमानगढ़ में जनसंख्या घनत्व : 184 

हनुमानगढ़ में साक्षरता दर 68.37% 

हनुमानगढ़ की पुरुष साक्षरता दर 77.4 प्रतिशत 

हनुमानगढ़ की महिला साक्षरता दर 55.8%

Sri Ganganagar District Details in HindiViwe Here
Bikaner District Details in HindiViwe Here
Static GK TopicViwe Here
Barmer District Details in Hindi
Viwe Here
Jaisalmer District Details in Hindi
Viwe here
Hanumangarh District Details in Hindi

Hanumangarh District Details in Hindi

error: Content is protected !!