चुरू जिले का सामान्य परिचय ,प्रमुख मेले, चुरू जिले में विधानसभा क्षेत्र, चूरू के अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न/तथ्य | Churu GK in Hindi
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चुरू जिले का सामान्य परिचय | Churu Ki Jankari Hindi Me
स्थापनाः– 1620 ईस्वी चूहड़ा/ चुहरू जाट ने
1 हवेलिया के लिए चुरू जिला प्रसिद्व है
2 दूर दूर रेत के टीलो से आच्छादित एवं काले हिरणों के अभ्यारण के लिए प्रसिद्व
सुराणा हवेलीः- छः मंजिला
कुल खिड़किया एवं दरवाजे 1100
निर्माण- सुराणा परिवार द्वारा निर्मित
चुरू जिले की स्थापना चूहड़ा जाट ने 1620 ईस्वी में की स्वतंत्रता के समय यह बीकानेर रियासत का भग था, 1 नवम्बर 1956 को पूर्ण एकीकरण के तहत चुरू को जिले का दर्जा दे दिया , दूर दूर रेत के टीलो से आच्छादित एवं काले हिरणों के अभयारण्य के लिए प्रसिद्व चुरू जिला अपनी हवेलियों के लिए भी प्रसिद्व है हॉ की कोठारी हवेली ढोलामारू के चित्र (life size paintings), छः मंजिली सुराणा हवेली ( जिसमें 1100 दरवाजे वं खिडकियां है) खेमका व पारखों की हवेलियॉ , दानचंद चौपड़ा की हवेली, कन्हैयालाल बागला की हवेली, आठ खम्भों की छतरी, टकडैतों की छतरियॉ, गंगाजी का मठ आदि प्रसिद्व है
- ढोला मारू के चित्र – कोठारी हवेली
- खेमका एवं पारखों की हवेली
- दानमल चौपड़ा की हवेली
- कन्हैलाल बागला की हवेली दर्शनीय स्थल
- भाठ खम्भो की छतरी – सेठ की छत्तरी
- टकडैतो की छत्तरी
- गंगा जी का मठ
प्रमुख मेलेः-
भभूता सिद्व का मेलाः– चंगाई (तारानगर) भाद्र शुक्ल सप्तमी
सालासर बाला जी का मेलाः– सालासर(सुजानगढ़) चैत्र पूर्णिमा, आश्विन पूर्णिमा
गोगा जी का मेलाः– ददरेवा (गोगा नवमी)
साहवा का गुरूद्वाराः– साहवा (चुरू) सखिों का राज्य में सबसे बड़ा मेला
चुरू का किलाः- ठाकुर जी
निर्माणः- कुशालसिंह ने ( 1739 इस्वी) चॉदी के गोले दागने वाला किला
- बीकानेर की सेना ( महाराजा सूरत सिंह) ने इस दुर्ग पर आक्रमण कर दिया तब ठाकुर शिवनाथ सिंह ने चॉदी के गोले दागे
- इस किले में गोपीनाथ का मन्दिर है
गोगा जी का मन्दिरः– ददरेवा (चुरू) गोगा जी की जनम स्थली ” शीश मेडी” मेला- भाद्र पद क़ष्ण पक्ष 9
सालासर बाला जी का मन्दिरः- यहॉ जाल का वृक्ष भी है
1754 में मोहनदास ने निर्माण करवाया
हनुमान जी ढाढी मूछ युक्त व माथे पर तिलक युक्त विग्रह है
मेला तिथिः- (1) चैत्र पूर्णिमा (2) आश्विन पूर्णिमा
भारत में श्री सालासर बालाजी मंदिर हनुमान-भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थान है। श्री सालासर बालाजी मंदिर राजस्थान के चूरू जिले में स्थित है और साल भर असंख्य भक्तों को आकर्षित करता है।भारत में हनुमान जी का यह एकमात्र मंदिर है, जिसमें हनुमान जी के दाढ़ी और मूँछ है।
सालासर धाम में प्रतिवर्ष दो मेले “शरद पूर्णिमा एवं चैत्र पूर्णिमा (हनुमान जन्मोत्सव)” पर आयोजित होते हैं। श्री सालासर बालाजी धाम पूर्णतः आडम्बरविहीन देवस्थान है। यहां केवल भक्त का भगवान से सीधा सम्बन्ध है।
सालासर धाम में आने वाले सभी यात्रियों की सुविधा व धाम का विकास “श्री बालाजी मंदिर” के माध्यम से “श्री हनुमान सेवा समिति” द्वारा समुचित रूप से किया जाता है।
विश्वविख्यात सिद्धपीठ श्री सालासर धाम में यात्री सुविधार्थ 125 से भी अधिक आधुनिक सुविधाओं से युक्त धर्मशालाएँ यात्रियों को अहर्निश सेवायें प्रदान करती है और यहाँ खाने-पीने के लिए कई जलपान-गृह (रेस्त्रां) हैं।
तिरूपति बाला जी का मन्दिरः- सुजानगढ़
निर्माणः- वैकटेश्वर फाउण्डेशन ट्रस्ट 1994
देखरेख – डॉक्टर नागराज, वैकटाचार्य
आन्ध्रप्रदेश के तिरूपति बाला जी की मन्दिर के हुबहु प्रतिकृति
वैंकटेश्वर फाउन्डेशन ट्रस्ट ने 1994 में सुजानगढ़ में भगवान वेंकटेश्वर तिरूपति बालाजी के मंदिर का निर्माण सुजानगढ़ करवाया 75 फीट उॅचे इस मंदिर का स्थापत्य एवं शिल्प देखने योग्य है डॉ एम नागराज व डॉक्अर वैकटाचार्य की देखरेख में इस मदिर का निर्माण हुआ यह आन्ध्रप्रदेश के तिरूपति बाला जी की मन्दिर के हुबहु प्रतिकृति है
तालछा पर जीव अभ्यारण्यः- सुजानगढ़ (तालछापर)
काले हिरण के लिए प्रसिद्व
शरद ऋतु में दो पक्षी आते है
1 बार हैडेंड गुज पक्षी 2 कुरंजा
महाभारत काल में गुरूवार द्रोणाचार्य का स्थान था इसलिए यहॉ द्रोणापुर भी है
दुधवा – खाराः- किसान आन्दोलन के लिए प्रसिद्व
(1) कांगड़ा काण्ड 1946 (2) नेतृत्व – हनुमानराम चौधरी
तत्कालीन शासक महाराजा सार्दुल सिंह ( बीकानेर के शासक)
नाहटा सग्रहालय- सरदारशहर (चुरू)
निर्माण- नाहटा परि
- यह सग्रहालय भिन्नि चित्रो के लिए प्रसिद्व है
- चुरू जिले में कोई नदी नही बहती है
- सुजानगढ़ को संगीतकारो का गढ़ माना गया है
- कन्हैयालाल सेठिया का जन्म 1919 ईस्वी में चुरू जिले में हुआ था
चुरू जिले में विधानसभा क्षेत्र | Churu के VidhanSabha क्षेत्र
चुरू जिले में कुल 6 विधानसभा क्षेत्र हैं जिनके नाम निम्नानुसार है :-
- सादुलपुर
- तारानगर
- चूरू
- सरदारशहर
- रतनगढ़
- सुजानगढ़
चूरू के अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न/तथ्य | Churu GK in Hindi
- राज्य का प्रथम सहकारी क्षेत्र का महिला मिनी बैंक – सालासर (चूरू) में स्थित है।
- सर्वाधिक गर्म जिला एवं स्थान – चूरू।
- संवत्सर-कोटसर सबसे बड़ा आखेट निषिद्ध क्षेत्र, चूरू में स्थित है।
- सर्वाधिक तापांतर वाला जिला चूरू है।
- राज्य का सबसे कम वन क्षेत्र वाला जिला – चूरू है।
- नगर श्री लोक संस्कृति शोध संस्थान (1964 में सुबोध कुमार अग्रवाल द्वारा) चूरू में स्थापित।
- सर्दियों में सर्वाधिक ठंडा एवं गर्मियों में सर्वाधिक गर्म जिला – चूरू।
- सर्वाधिक वार्षिक तापांतर वाला जिला – चूरू।
- तालछापर बांध चूरू में स्थित है।
- चन्दन की मूर्तियों के काम के लिए चूरू प्रसिद्ध है।
- अलखिया सम्प्रदाय – इस सम्प्रदाय के संस्थापक स्वामी लालगिरि थे। जिनका जन्म चूरू में हुआ तथा इनकी प्रधान पीठ बीकानेर जिले में है।
- चूरू की प्रमुख हवेलियाँ : सुरानों के हवामहल (हवेली), मंत्रियों की मोती हवेली, रामविलास गोयनका की हवेली, दानचन्द चौपड़ा की हवेली (सुजानगढ़) .
- बीघाजी स्मारक , सुजानगढ़ (चूरू) में स्थित है।
- सिक्खों का सबसे बड़ा मेला – साहवा चूरू में कार्तिक पूर्णिमा को भरता है।
- नौहर साहवा लिफ्ट नहर – इंदिरा गाँधी नहर की नौहर साहवा लिफ्ट नहर चूरू जिले को सिंचाई हेतु जल उपलब्ध करवाती है।
- राजीव गाँधी सिद्धमुख नौहर परियोजना : चूरू जिले के राजगढ़/सार्दुलपुर/तारानगर को इस लिफ्ट से जल आपूर्ति की जाती है।
- गन्धेली साहबा लिफ्ट नहर : यह लिफ्ट नहर श्रीगंगानगर से चूरू तक आती है। इसका नया नाम चौधरी कुम्भाराम लिफ्ट नहर रखा गया है।
- मंशा देवी – चूरू क्षेत्र की लोक देवी है।
- द्रोणपुर – द्रोणाचार्य की आश्रम स्थली, गोपालपुर।
- उत्तराभिमुख सिंधी मंदिर – सुजानगढ़ में स्थित यह मंदिर कांच की जड़ाई एवं स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध है।
- प्रसिद्ध उद्योगपति लक्ष्मीनिवास मित्तल सुजानगढ़ (चूरू) के निवासी है।
चूरू जिले की सम्पूर्ण जानकारी | Churu District GK in Hindi
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