Barmer District Details in Hindi

Barmer,प्रमुख मेले,महत्‍वपूर्ण तथ्‍य,प्रमुख मन्दिर,बाडमेर के दुर्ग

Barmer

  • बाड़मेर की स्‍थापना 1552 ईस्‍वी में बाहदा के द्वारा की गई थी
  • इसकी स्‍थापना की तब इसका नाम जूना बाड़मेर रखा गया
  • बाद में जूना बाड़मेर के स्‍थान पर बाड़मेर की स्‍थापना
  • बाड़मेर का शब्दिक अर्थ बाढ़ का किला
  • क्षैत्रफल की दृष्टि से दुसरा सबसे बड़ा जिला बाड़मेर है
  • बाड़मेर तेल एवं प्राकृतिक गैस सम्‍पदा का धनी है
  • बाड़मेर का क्षैत्रफलः- 28387 वर्ग कि0मी0 है

महत्‍वपूर्ण तथ्‍यः-

राजस्‍थान का तीसरा शिल्‍पग्रामः- बाड़मेर में

सरस्‍वती तेल क्षैत्रः- बाड़मेर

प्रमुख नदीः- लूणी नदी

छप्‍पन की पहाडि़यॉ बाड़मेर में है सबसे उॅची चोटी का नाम हल्‍देश्‍वर पहाडी (सिवाणा)

सिवाणा को बाड़मेर का कश्‍मीर कहॉ जाता है

  • उडू व काश्‍मीरः- रामदेव जी का जन्‍म हुआ था
  • खड़ताल के वादकः- सदीम खॉ
  • मलीर प्रिंट (बाड़मेर) प्रसिद्व
  • अजरक प्रिंट (बालोतरा) की प्रसिद्व
  • इन्दिरा गॉधी नहर का जीरो पोइन्‍ट (गाडरारोड़त)
  • पीपलूदः- मारवाड़ का लधु , माउण्‍ट आबू
  • आलम जी का मन्दिरः- धौरी मन्‍ना, घोडो का स्‍वर्ग
  • बाड़मेर बकरियों के लिए प्रसिद्व

प्रमुख मेलेः-

मल्‍लीनाथ जी का पशु मेलाः- तिलवाड़ा

ये मेला चैत्र कृष्‍ण पक्ष से चैत्र शुल्‍क पक्ष तक भरता है

राजस्‍थान का सबसे प्राचीन पशु मेला है

सावण मेलाः- सिवाणा

आलम जी का मेलाः- थोरी मन्‍ना

रणछोड़ राय मेलाः- खेड़, रेवारी/राइका जाति का मुख्‍य पूजा स्‍थल

हल्‍देश्‍वर महादेव मेलाः- पीपलूद

सूईया मेलाः- चोहटन (पोष अमावस्‍या) , अर्द्व कुम्‍भ ( 4 वर्ष में एक बार)

थार महोत्‍सवः- बाड़मेर

नाकोड़ा तीर्थ मेलाः- नाकोडा, बाडमेर

विरातारा/विरात्रा मेलाः- चोहटन

प्रमुख मन्दिरः-

1 किराडू (किरातकूप)- भगवान शिव व विष्‍णु के मन्दिरो का समूह है

  • किराडू के हाथमा गॉव में है
  • रास्‍थान का खजुराहो कहॉ जाता है
  • सोमेश्‍वर मन्दिरः- नागर शैली में निर्मित
  • राजस्‍थान में प्रतिहार कालीन महामारू शैली में
  • निर्मित अन्तिम मन्दिर समूह
  • ये मन्दिर 10 व 11 की सदी में निर्मित
  • नग्‍न मूर्तियों के कारण इन्‍हे खजुराहों कहा जाता हैा

2 रणछोड़-राय मन्दिर (खेड़) (बाड़मेर)

भगवान कृष्‍ण का मन्दिर मारवाड के राठौड़ वंश की दुसरी राजधानी

निर्माणः- राव सिंह के उत्‍तराधिकारी राव अस्‍थान/ आस्‍करण द्वारा निर्मित

3 मल्लिनाथ मन्दिरः- (तिलवाड़ा)

  • यह मारवाड़ के शासक थे कालान्‍तर में लोक देवता के रूप में प्रसिद्व हुऐ
  • इनकी पत्‍नी रूपा देवी थी
  • रानी रूपा देवी का मन्दिरः- मालाजाल गॉव

4 नाकोड़ा मन्दिर/जैन मन्दिरः-

  • राजस्‍थान का मेवा नगर भाकरिया पहाड़ी पर स्थित है
  • भगवान पार्श्‍वनाथ को समर्पित
  • नाकोड़ा के भैरूजी की भी प्रतिमा है
  • मेलाः- पोष कृष्‍ण दशमी को भरता है

5 नागणेची माता मन्दिरः- नागाणा (बाड़मेर) राव धूपड़ ने चकेश्‍वरी माता की मूति कर्नाटक से लाकर नागाणा गॉव ने स्‍थापित करवाई

  • ये मूर्ति काष्‍ट से निर्मित है (एक मात्र)
  • ये 18 भुजाओं वाली मूर्ति है

6 ब्रहया जी मन्दिरः- आसोतरा

खेताराम जी की समधि भी है

बाडमेर के दुर्गः-

1 कोटडा का किलाः- बाडमेर (शिव), उदयपुर

2 सिवाणा दुर्गः- हल्‍देश्‍वर पहाड़ी

3 कूमट का दुर्गः- सिवाणा

महत्वपूर्ण प्रश्न

गाड़रारोड़ का शहीद स्‍मारकः- गडरारोड़ ( मेलाः- 9 सितम्‍बर ), 1965 भारत पाक युद्व में रेल्‍वे के 14 कर्मचारी शहीद हो गये

गरीबनाथ जी का मन्दिरः- बाडमेर

चौहटनः- कूमर के पेड़ो से गौंद की प्राप्ति

बाटाडू का कुआः- बाटाडू (बायतु), राजस्‍थान का जल महल)

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