History of Banswara District , प्रमुख मेले, प्रमुख मन्दिर,बांसवाड़ा जिले की सम्पूर्ण जानकारी, बांसवाड़ा के अन्य महत्वपूर्ण तथ्य/प्रश्न | Banswara GK in Hindi
Table of Contents
History of Banswara District
वागड़ राज्य
निर्माण- सामन्त सिंह (गुहिल शासक) द्वारा वागड राज्य बसाया गया
महारावल की उपाधि
महारावल उदयसिंह- खानवा के युद्व में 1527 में वीर गति को प्राप्त हुए
महारावल उदय सिंह
डुगर सिंह जगमाल
बांसवाड़ा (1) महारावल जगमाल की स्थापित राज्य (2) 100 दिपो का शहर
नामकरणः- बॉस के पेड़ की अधिकता के कारण बांसिया भील द्वारा बसाया गया क्षैत्र
स्कन्द पुराणः– बॉसवाड़ा राज्य के लिए कुमारिका खण्ड शब्द का प्रयोग किया गया
प्रमुख मेलेः-
(1) कल्ला जी का मेला- गोपीनाथ का गढा
बासवाड़ा जिले में कल्लाजी के 100 मन्दिर
तिथिः- आश्विन माह /नवरात्र का प्रथम रविवार
(2) घोटिया अम्बा का मेला- बारी गामा गॉव
तिथि- चैत्र अमावस्था बॉसवाड़ा जिले का सबसे बड़ा मेला
(3) मानगढ़ धाम मेलाः- मानगढ़ पहाड़ी पर
तिथि – मार्ग शीर्ष पूर्णिमा ( भील जनजाति)
गुरू गोवन्दि गिरी
आदिवासियों का मेलाः-
(4) गोपेश्वर का मेलाः- घाटोल गॉव तिथि – कार्तिक पूर्णिमा
प्रमुख मन्दिरः-
घोटिया अम्बा जी का मन्दिरः– बारीगामा गॉव
घोटेश्वर महादेव मन्दिर
केलापानी तीर्थ स्थल- महाभारत कालीन पाडवों की शरण स्थली
पांडव कुंड- 5 पाडवो की मूर्तियों कुंती की प्रतिमा
मेला तिथि- चैत्र अमावस्या
यहां पर अंबा माता के मंदिर के अलावा घोटेश्वर महादेव, पांडव कुंभ और केलापानी पवित्र तीर्थ स्थित है ऐसा माना जाता है कि वनवास के कुछ दिन पांडवों ने यहॉ पर व्यतीत किए थे यहॉ पर द्रोपती, कुंती, तथा पांच पांडवों की मूर्तियां विराजमान है यहां चैत्र अमावस्या हो घोटया अंबाजी का मेला लगता है घोटिया अंबा से सुरंग के माध्यम से भीमकुंड कुछ ही दूरी पर हुडा हुआ है
(2) घूणी का रणछोड़ राय मन्दिरः– धूणी के पास गनोडा के निकट भगवान कृष्ण का मन्दिर
फसलों के रक्षक के रूप में इनकी पूजा की जाती है
यह बांसवाड़ा में गनोडा के निकट स्थित है यहां रणछोड़राय जी की प्रमिमा है यहॉ पर फाल्गुन शुक्ला एकादशी को मेला लगता है रणछोड़राय जी को हर मनोकामना पूरा करने वाले तथा फसलों के रक्षक देवता के रूप में पूजा जाता है
(3) अब्दुला पीर की अजारः- भगवान पूरा गॉव मेे बोहरा सम्प्रदाय
(4) त्रीपुरी सुन्दरी / तुरताई माताः– तलवाड़ा गॉव 18 भुजाओं वाली देवी
तीन पुरो से सम्बन्ध
1 शिवपुर 2 शक्तिपुर 3 विष्णुपुर
इस माता की मूर्ति के पीठ पर श्री यंत्र शब्द चिन्ति हैा
पांचाल जाति की कुल देवी है
यह बांसवाड़ा जिले तलवाड़ा के निकट है इन्हें ” तुरताई माता” के नाम से भी पुकारते है यहां पर प्रतिवर्ष नवरात्र के दिनों में मेला आयोजित होता है यह पांचालो की कुलदेवी है त्रिपुरा सुंदरी राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की आराध्य देवी है
(5) नन्दिनी माता र्तीथ स्थलः–
बडोदिया के निकट यहॉ पत्थरो के घरोन्दे बनाने की परम्परा है
मेला तिथिः- (1) चैत्र नवरात्र (2) आश्विन नवरात्र
सबसे बड़ा मेला- पोष पूर्णिमा
इस माता की अष्ट भुजा प्रतिमा है
(6) कालिजरा मन्दिरः– ब्राम्ह जी का मन्दिर – आंबलिया तालाब के किनारे
निर्माण महारावल जगमाल द्वारा जीर्णोद्वार
(7) छिछ माता का मन्दिरः– निर्माण – देवीदास द्वारा निर्मित
अर्थूण / उत्थूनक (बॉसवाड़ा) के मन्दिरः- वागड़ के परमारो शासकों ने इन मन्दिरों का निर्माण करवाया
वागड़ के परमारो की आरम्भिक राजस्थानी
मण्डलेश्वर मन्दिरः- (1) मण्डलेश्वर मन्दिर (2) सप्ताययन शैली
यहॉ भगवान शिव के अनेक मन्दिर है
माही बॉधः– माही नदी के किनारे
यह बांध बांसवाड़ा जिले में माही नदी पर माही बजाज सागर परियोजना के अंतर्गत बना हुआ बांध है
घूणी:– माही नदी के किनारे स्थित यह तीर्थस्थल कृष्ण लीलाओं की धाम कहलाता है यह तीर्थस्थल फसलों के रक्षक देव के रूप में भी प्रसिद्ध हैा
कागदी पिकअपः- कागदी झील के किनारे मही बजाज सागर ” परियोजना का हिस्सा
डारलान झीलः- कमल के फूल अधिक मात्रा में है
राजमन्दिर पैलेसः– बॉसवाड़ा का चन्द्र पैलेस सिटी पैलेस
वागड के कल्पवृक्षः- बाई तालाब के किनारे
आनन्द सागर झीलः- इस झील के किनारे बॉसवाड़ा के शासको की छतरियॉ हैा
बांसवाड़ा के अन्य महत्वपूर्ण तथ्य/प्रश्न | Banswara GK in Hindi
- गुजरात एवं मध्य प्रदेश दोनों राज्यों की सीमाओं को संयुक्त रूप से लगने वाला जिला बांसवाड़ा है।
- सर्वाधिक अनुसूचित जनजाति का प्रतिशत बांसवाड़ा में है।
- न्यूनतम दुग्ध उत्पादक जिला बांसवाड़ा।
- छप्पन का मैदान बांसवाड़ा एवं प्रतापगढ़ के मध्य स्थित है।
- बांसवाड़ा एवं डूंगरपुर के मध्य के भू भाग को मेवल के नाम से जाना जाता है।
- राज्य का सर्वाधिक वर्षा वाला दूसरा जिला बांसवाड़ा है।
- राज्य में सूर्य की सर्वाधिक सीधी किरणें बांसवाड़ा जिले पर पड़ती है।
- राज्य का सबसे लंबा बांध माही बजाज सागर बांध माही नदी पर बांसवाड़ा में स्थित है। जिसकी कुल लंबाई 3109 मीटर है।
- “दानपुर सुपर थर्मल पावर परियोजन” राजस्थान का दूसरा परमाणु ऊर्जा संयंत्र बांसवाड़ा में निर्माणाधीन है।
- माही महोत्सव सर्वप्रथम फरवरी 2008 में बांसवाड़ा में आयोजित किया गया।
- राजस्थान का जलियांवाला बाग हत्याकांड के नाम से प्रसिद्ध मानगढ़ धाम बांसवाड़ा में स्थित है
- सालीमशाही तथा लक्ष्मणशाही सिक्के बांसवाड़ा मे रियासतकाल में चलते थे।
- बांसवाड़ा में सामुदायिक सहयोग से गृह निर्माण की सांस्कृतिक परंपरा को “हलमा” के नाम से जाना जाता है
- बीड़ी बनाने में प्रयुक्त तेंदू (टिमरू) के पत्ता वाले पेड़ सर्वाधिक बांसवाड़ा में पाए जाते हैं।
- मुख्यमंत्री बीपीएल आवास योजना की शुरुआत सर्वप्रथम 3 जून 2011 को बांसवाड़ा में की गई थी
आज के इस पोस्ट में हमने ‘राजस्थान के जिला दर्शन‘ की श्रृंखला में “बांसवाड़ा जिला दर्शन” को पूरी तरह से कवर करने की कोशिश की है। आपको इसको पढ़ने के अलावा बांसवाड़ा जिले से सम्बंधित कोई भी प्रश्न बाहर से पढ़ने की जरूरत नहीं है। उम्मीद करती हूँ कि आपको यह पोस्ट अच्छी लगी होगी। आपको यह पोस्ट कैसी लगी आप मुझे Comment करके जरूर बताएं।
Banswara District GK in Hindi 2023
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