अजमेर जिले की सम्पूर्ण जानकारी | Ajmer District GK in Hindi- 2023

अजमेर के सामान्‍य तथ्‍य,अजमेर के उपनाम/प्राचीन नाम,अजमेर के पर्यटन स्‍थल ,पुष्‍कर का मेला- कार्तिक पूर्णिमा

Ajmer District GK in Hindi | अजमेर के उपनाम/प्राचीन नाम |

अजमेर=अजय + मेर- पहाड़ / पर्वत

जिसे जीता नो सके

अर्थ- एक ऐसा पर्वत जिसे जीता ना जा सके

स्‍थापनाः– 1113 ईस्‍वी अजयराज चौहान

प्राचीन नामः– (1) पृथ्‍वीपुर (2) अजय मेरू

मुगल शासक का संबंध

(1) अकबर (2) जहॉगीर (3) शाहजहॉ (4) औंरगजेब

अकबरः– अकबर ने अजमेर की पांच बार पैदल यात्रा की

अकबर का मिला/ दौलतखाता / मैग्‍जीन दुर्ग का निर्माण 1570

अजमेर मेंः- ख्‍वाजा गरीब नवाज के प्रति समर्पण करने के लिए

स्‍थाई निवास तथा अपना खजाना छिपाने के लिए

बादशाही भवन– का निर्माण अकबर ने किया था

सहेलियो का बाजार- अजमेर

निर्माण- अकबर ने

कोस मीनार का निर्माण – अजमेर

गुजरात पर नियंत्रण रखने हेतु अजमेर को मुख्‍यालय बनाया

जाहागीरः– युगल दरबार – अजमेर (1613- 1616)

  • जहॉगीर महल का निर्माण – पुष्‍कर
  • चश्‍मा-ए-नूर का निर्माण- अजमेर
  • दौलतबाग उधाग /सुभाष उधान- अजमेर

मुगल-मेवाड सन्‍धीः– 5 फरवरी 1615 ईस्‍वी

युवराज कर्णसिंह जहॉगीर के दरबार में 1615 में उपस्थित हुए

पुष्‍कर के वराह मन्दिर की मूर्ति को पुष्‍कर झील फिकला दिया

सर टॉमस रोः– 22 दिसम्‍बर 1615 ईस्‍वी में अजमेर आये

10 जनवरी 1616 को जहॉगीर के दरबार में उपस्थित हुये

शाहजहॉः– आना सागर झील के किनारे बारहदरी का निर्माण करवाया

सफेद संगमरमर ज्‍येष्‍ठ पुत्र दारा शिकोह का जन्‍म तारागढ़ दुर्ग में हुआ

औरगजेबः- दौराई का युद्व

उपनामः- भारत काा मका-मदीना

  • राजस्‍थान का हदय स्‍थल
  • राजस्‍थान का जिब्राल्‍टर – विशौप हेबर
  • साम्‍प्रदायिक सद्रभावना का संगम
  • राजस्‍थान का नाका
  • राजपुताने की कुंजी

हरगोविन्‍द खुराणाः– विज्ञान के क्षैत्र में नोबल पुरस्‍कार, दयानन्‍द विधालय के विधार्थी

‘सम्राट पृथ्‍वीराज चौहान” राजकीय महा विधालय

राजस्‍थान का सबसे पुराना महाविधालय

दयानन्द महाविधालय – कृषि स्‍नातक

अजमेर का प्रथम स्‍थान- (1) राजस्‍थान का प्रथम हाइटेंक डाकघर -पुष्‍कर (2) राजस्‍थान की पुष्‍प मण्‍डी (गनाहेडा पुष्‍कर) (3) राजस्‍थान की प्रथम आयुवैदिक औषध प्रयोग शाला (4) राजस्‍थान की प्रथम हाई सिक्‍योरोटी जेल (घुधरा घाटी) (5) राजस्‍थान का सिस्‍मोग्राफ संयंत्र

अजमेर के पर्यटन स्‍थल

अब्‍दुला खॉ और बीबी का मकबरा- अजमेर में यह सफेद संगमरमर पत्‍थरो से निर्मित है

बापूगढ़ / बजरंगगढअजमेर, हनुमान जी का मन्दिर

निर्माण – मराण सरदार बापू जी सिन्धिया महल है

चश्‍मा -ए-नूर- तारागढ़ दुर्ग की तलहठी में

निर्माण- जहॉगीर ने

नूरजहॉ के लिए करवाया था

रूठी रानी का महल – तारागढ़ दुर्ग की तलहटी में

राव मालदेव की रानी उमादे रूठ कर इसी महल में रही

नूरजहॉ भी जहॉगीर से रूठ का इसी महल में रही

घोडे की मजार- तारागढ़ दुर्ग में एक मात्र घोडे की बजार जहॉ चने की दाल चढ़ाई जाती है, मीरान साहब का प्रिय घोडा

हाथीभाटा – अजमेर में, यहॉ पत्‍थर का हाथी है

संस्‍कृत कंठा भरण पाठशाला- विग्रहराज चतुर्थ अढाई दिन का झोपड़ा- कुतुबुदीन ऐबक

दीवारो पर हेरीकेली नाटक लिखवाया

16 खम्‍भो पर स्थित है राजस्‍थान की प्रथम मस्जिद है

फारसी इतिहासकारों के अनुसार इसका निर्माण 60 घण्‍टो में हुआ

पंजाबशाह का अढाई दिन का उर्स लगता है

इस मस्जिद में हेरीकेरी नाटक के पत्‍थरो के अंश मिलते है

जिनदत्‍त सूरी का मन्दिर / दादाबाडी– अजमेर

तबीजी(अजमेर)ः- देश की एक मात्र बाल संसद तिलोनिया में है

अरूणा रौय– सूचना का अधिकार

जुबली क्‍लाक टॉवर- अजमेर ( 1886-87) महारानी विक्‍टोरिया की स्‍मृति

मेयो कॉलेज- अजमेर, अजमेर दरबार 1875

देश्‍यः- राजस्‍थान के राजाओं तथा राजकुमारो को अग्रेजी शिक्षा देना

प्रथम प्राचार्य- औलियवर सेंटर जॉन

उप प्राचार्य- गिष्‍सन – पाठयक्रम व गतिविधियों का बढ़ाया दिया

द्वितीय उपप्राचार्य दानमल ने गिष्‍सन को मेयो कॉलेज का शहजहॉ कहा

प्रथम विधार्थी – अलवर की युवराज (मंगलसिंह गिष्‍सन को भारत सरकार ने पदम श्री पुरस्‍कार दिया

  • सम्राट पृथ्‍वीराज चौहान 3 का स्‍मारक- अजमेर को 13 सितम्‍बर 1996 को देश का समर्पित हुआ
  • बाधेरा का तोरण द्वार- बाघेरा गॉव( अजमेर)
  • टूकड़ा का मकबरा- किशनगढ़
  • संतोष बॉवला का छतरी- पुष्‍कर
  • आंतेड की छन्‍तरीया – अजमेर (दिगम्‍बर)
  • दमा डेयरी- राजस्‍थान की प्रथम डेयरी
  • मांगलिया वास- यहॉ पर कल्‍पवृक्ष है, कल्‍पवृक्ष का मेला हरियाली अमावस्‍या
  • ब्‍यावर– 1800 के दशक में कर्नल डिस्‍सन ने एक पर कोटा बनवाकर इसके भीतर ब्‍यावर नगर बसाया
  • टौडगढ़ दुर्ग / बौरास वाडा गॉव/ भीमगढ दुर्ग– कर्नल जेम्‍स टॉड
  • राजस्‍थान का प्रथम मशिनरी स्‍कूल -‘ब्‍यावर में

किशनगढ़ः– किशनगढ़ राज्‍य/राठौड वंश/ किसन सिंह, राजस्‍थान में हैण्‍डलूम का सबसे बडा केन्‍द्र, राजस्‍थान में संगमरमर की सबसे बडी मंडी, मार्बल मंडी – एशिया की सबसे बडी मार्बल मंडी

नवग्रह मन्दिर- राजस्‍थान का एकमात्र मन्दिर

फलकू बाई– किशनगढ, चरी नृत्‍य की कलाकार

काचरिया मन्दिरः- किशनगढ

उपनामः- (1) गेन्‍दोलाव (2) फूल महल, किशनगढ शैली- बनी- ठणी

खोडा गणेश मन्दिर- किशनगढ में

सोनी जी की नसियॉः- जैन मन्दिर, ऋषभदेव / आदिनाथ

निर्माणः- सन्र 1864 मूलचंद सोनी

पूर्ण निर्माणः- सन्र 1865 टीकमचन्‍द सोनी, इस मन्दिर के दो भाग है

(1) नसियॉ (2) स्‍वर्ण मन्दिर / अक्षरधाम, इसमें 400 किलोग्राम सोना है, इसेे लाल मन्दिर भी कहते है

ब्रहम्‍याजी का मन्दिरः- पुष्‍कर (अजमेर) 8 वी सदी- गोकुलचन्‍द पारीख

विश्‍व का एकमात्र ब्रहया मन्दिर जिसकी विधिवत रूप से पुजा की जाती है

कर्नल जेम्‍स टॉड ने इस मन्दिर पर गिरजाघर के समान लगे क्रॉस चिन्‍ह को देखकर चकित रह गये

पुष्‍कर का मेला- कार्तिक पूर्णिमा

उपनामः- मावरवाड का कुम्‍भ

राजस्‍थान का सबसे रंगीन मेला, 100 मन्दिरो का शहर, कोकर्ण तीर्थ, तीर्थराज, तीर्थो का मामा

सावित्री मन्दिर / सरस्‍वती मन्दिरः- रत्‍नागिरी की पहाडी (पुष्‍कर)

दो प्रतिमाऍ (1) माता सावित्री (2) मॉ सरस्‍वती

वराह मन्दिरः- पुष्‍कर

निर्माण- अर्णोराज

जहॉगीर ने इस मन्दिर की मूर्ति को पुष्‍कर झील में फिकण दिया

पुनः निर्माणः- शक्तिसिंह (महाराजा प्रताप के भाई)

रंगनाथ जी का मन्दिरः- पुष्‍कर

पुजारी- द्रविड बाम्‍हण

शैली- गौमुख शैली /द्रविड शैली

निर्माणः1834 सेठ पुणमल ये मन्दिर वैष्‍णव सम्‍प्रदाय से संबंधित है

भगवान विष्‍णु को समर्पित है

खोडा गणेश मन्दिरः- किशनगढ़

पंजमुखी हनुमान जी का मन्दिर– किशनगढ

काचरिया मन्दिर– किशनगढ़ ( निम्‍बार्क पद्वति से पूजा

नवग्रह मन्दिरः– नवग्रह स्‍थापित, राज्‍य का एक मात्र मन्दिर

सलेमाबाद (अजमेर) रूपनगढ़ नदी के किनारे

निम्‍बार्क सम्‍प्रदाय की प्रमुख पीठ

पुजा – राधा का कृष्‍ण

मेला – राधा अष्‍टमी (भा शु 8)

संस्‍थापक- परशुराम महोदय

खण्डियास (अजमेर) बाबा रामदेव जी का मन्दिर

राजस्‍थान का छोटा रामदेवरा

खोबरानाथ मन्दिरः– अजमेर, शादीदेव /शनिदेव मन्दिर, ” मुनिसल अरवाह” पुस्‍तक में जहॉ आरा ने इस मन्दिर का उल्‍लेख किया

अजमेर के सामान्‍य तथ्‍यः-

(1) अजमेर, उत्‍तर- भारत, का प्रथम साक्षर जिला घोषित 1993

(2) मुण्‍डौती- परियोजना, अजमेर जिले की परियोजना है

(3) आनासागर झील- अर्णेराज द्वारा निर्मित, चन्‍द्रा नदी को राकेकर निर्माण करवाया, बाण्‍डी नदी का पानी आता

  • 1 नवम्‍बर 1856 अजमेर – मेरवाड़ा का विलय हुआ, राजस्‍थान का 26 वॉ जिला
  • अजमेर के एक मात्र मुख्‍यमंत्री – हरभिारू, उपाध्‍याय UP के निवासी
  • इन्‍होने त्‍याग भूमि समाचार पत्र् निकाला
  • हाटुण्‍डी आश्रम की स्‍थापना
  • पुष्‍कर में पुष्‍प मण्‍डी तथा गुलकंद उधोग स्‍थापित है
  • राज्‍य का प्रथम केन्द्रिय विश्‍वविधालय (बांदर सिकन्‍दरी में है)
  • राजस्‍थान की प्रथम सहकारी समिति भिनाय (अजमेर)
  • केहरीगढ़ दुर्ग( किशनगढ़)
  • कृष्‍ण मील (ब्‍यावर) राज्‍य की प्रथम सुती वस्‍त्र
  • मी सेठ दामोदर द्वारा स्‍थापित की गई
  • जहांगीर महल का निर्माण जहांगीर ने पुष्कर में करवाया था। 
  • दौलतबाग उद्यान (सुभाष उद्यान ) का निर्माण जहांगीर ने अजमेर में करवाया था। 
  • चश्मा-ऐ-नूर का निर्माण जहांगीर ने अजमेर में करवाया था। 
  • शाहजहां ने आनासागर झील के किनारे सफेद संगमरमर से बारहदरी का निर्माण करवाया।
  • राजस्थान की प्रथम हाई सिक्योरिटी जेल “घुघरा घाटी” अजमेर में है
  • राजस्थान का सिस्मोग्राफ संयंत्र अजमेर में।
  • राजस्थान का एकमात्र नवग्रह मंदिर किशनगढ़, अजमेर में। 
  • फल्कु बाई का संबंध किशनगढ़, अजमेर से। 
  • राजस्थान का सबसे बड़ा हैंडलूम केंद्र किशनगढ़, अजमेर में। 
  • किशनगढ़ शैली (बणी-ठणी शैली)  किशनगढ़, अजमेर में। 
  • राज्य का प्रथम केंद्रीय विश्वविद्यालय बांदरसिंदरी किशनगढ़ में। 
  • राजस्थान की प्रथम सहकारी समिति – भिनाय (अजमेर में )
  • कृष्णा मील  की स्थापना ब्यावर( अजमेर में)
  • राज्य में फेल्सपार का सर्वाधिक उत्पादन अजमेर मे। 
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