Sirohi District सिरोही,प्रमुख मेले,सिरोही के प्रमुख मन्दिर,सिरोही जिले के अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य
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Sirohi District सिरोही
सिरोही का अर्थः- सिर काटने वाली
प्राचीन नामः– आर्बूद पर्वत
- कर्नल जेम्स टॉड के अनुसार सिरोही का प्राचीन नाम शिवपुरी था
- सिरानव पहाड़ी/सारण की पहाडियॉ के नाम यह सिराही कहलाया
- यौर्य, हुणों, परमारो, प्रतिहार सोंलकी व कालान्तर में देवड़ा चौहानों ने शासन किया ा
- आबूरो पर की माउण्ट आबू है देलवाड़ा/दिलवाड़ा व आबूरोड को आरम्य में बम्बई प्रान्त में मिलाया था लेकिन बाद मेंं इन्हे राजस्थान में सन्र 1 नवम्बर 1956 में मिलाया गया
- ये ऐसा क्षैत्र् जिसका दो बार एकीकरण हुआ
1 बम्बई प्रान्तःः- 26 जनवरी 1950
2 राजस्थान में
प्रमुख मेलेः-
1 सारणेश्वर महादेव का मैलाः- (सिरोही) महाशिवरात्री, फाल्गुन कृष्ण त्रेयोदशी
2 गौतम ऋषि का मेलाः- चौटीला (सिरोही)
3 गौर मेलाः- (सियावा)
4 नक्की झील का मेलाः- (माउण्ट आबू)
5 मातरा माता का मेलाः- सिरोही
6 मारकण्डेश्वर मेलाः- अंजारी गॉव, गरारिया जनजाति का सबसे बड़ा मेला
प्रमुख तथ्यः-
- मालवी कपास का सर्वाधिक उत्पादन
- राज्य का पहला इन्टरनेट कैके आबूरोड में स्थापित
- आबू पर्वत पर केमिलोन नाम का एक गिरगिट पाया जाता है जिसे गिरड़ा/हाल- डूला कहते है जिसका अर्थ आलसी प्राणी होता है
- प्रजापति ईश्वरीय वि. वि. माउण्ट आबू में है
- देवांगन घाटी/ कोडरा बांध सिरोही में है
- सिरानव/सिरणवा/ सारण की पहाडि़या सिरोही में है
- भैंसाशाह सिंचाई योजना का सम्बन्ध सिरोही से है
- 1875 राज्य में सर्वप्रथम नगरपालिका का गठन आबूरोड में किया गयाा
- दुध बावाडी- आबू पर्वत (सिरोही) में है
- तीन भैंसों की प्रतमाऐं (आबूपर्वत) से है
सिरोही के प्रमुख मन्दिरः-
1 देलवाड़ा के जैन मन्दिरः–
कला- सोंलकी कला
(आबू पर्वत पर) 11 से 13 सदी के बीच निर्माण
शैली- नागर शैली
- कर्नल जेम्स टॉड ने कहॉ ताजमहल को छोड़कर 8 श्वेताम्बर मन्दिर जैन मन्दिर समूह 1 दिगम्बर जैन मन्दिर
2 कु्ंथुनाथ जैन मन्दिरः- निर्माण – राणा कुम्भा
3 बिमलसही जैन मन्दिरः-
निर्माण- विमलशाह
- ये मन्दिर भगवान ऋषभदेव या आदिनाथ को सर्म्पत हैा
- यह सभी मन्दिरों का प्राथमिक मन्दिर है
- वास्तुकार- कीर्तिधर
4 लूणवसाही जैन मन्दिरः-
निर्माण- तेजपाल
- इस मन्दिर को तेजपाल- वास्तुपाल मन्दिर भी कहॉ जाता हैा
- यह मन्दिर भगवान नेमिनाथ को सर्म्पित है
- तेजपाल- वास्तुपाल ने अपने भाई लूणा की समृद्वि में करवाया था
- वास्तुकर- शोभनदेव
- देवरानी-जेठानी के गोखडे इसी मन्दिर पर है
5 चौमुख जैन/पार्श्वनाथ मन्दिर/सिलावटी का मन्दिरः-
शैलीः- मन पीतल
6 आदिनाथ मन्दिर/पीत लहर मन्दिर (भीमाशाह- निर्माण कर्ता) 108 मन पीतल
7 महावीर स्वामी का मन्दिर
कुंथुनाथ, विमलसही मन्दिर, लूणावसही मन्दिर, चौमुख मन्दिर, आदिनाथ मन्दिर, महावीर स्वामी मन्दिर, 1 दिगम्बर जैन मन्दिर, 2 विशाल मन्दिर आबू पर्वत, 3 अनु पुरक मन्दिर
- रसिया – बालम का/ कुॅवारी कन्या का मन्दिर(आबू पर्वत)
- 1 रसियाः- युवती
- 2 बालम हाथ मं वषि का प्याला युवक
सारणेश्वर मन्दिरः- सिरणवा पहाड़ी पर/सारण की पहाडि़या
देवड़ा चौहान वंश के कुलदेवता
दूधिया तालाब के निकट
ऋषिकेश मन्दिरः– आबू पर्वत
ये मन्दिर भगवान विष्णु को समर्पित है
निर्माणः- राजा अमरीश
इसके आसा-पास नगरी है अमरावती नगरी का उद़गम
किरोडी ध्वज का सूर्य मन्दिरः– देवांगन घाटी
भगवान सूर्य की समषित
रथयात्रा – सूर्य
अबूतमाता/ आर्बूदा माता- माउण्ट आबू
ये आबू की अराध्य देवी परमारो की कुलदेवी
ये मूर्ति भूतल से प्रकट हुईा
लखचौरासीः-84 लाख पट्र चिहने मिलते है ( आबू पर्वत पर है)
मुनि वशिष्ट का आश्रम/ यज्ञ कुण्ड / अग्नि कुण्ड)
आबू पर्वत पर है
चार योद्वा – प्रतिहार, परमार, चालुक्य, चौहान
हाथी गुफा/ चम्पा गुफाः- 1891 में स्वामी विकेकानन्द आये थेा
बाजरा गणेशः- (सिरोही)
तलवारो के लिए सिरोही प्रसिद्व था
मीरपुर गॉवः– जैन मन्दिर, पार्श्वनाथ
गुरू शिखरकी ल0 1722 एम
- कर्नल जेम्स टॉड ने इसेे संतो का शिखर कहा है
- इन्होने आबू पर्वत को हिन्दु ओल्पम्स कहा है
- राजस्थान की दुसरी सबसे उॅची चोटी सरे है
- इसकी लम्बाई 1597 मीटर
सिरोही जिले के अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य—
- राजस्थान का एकमात्र नगर जो 1300 मीटर ऊँचाई पर बसा हुआ है।
- राजस्थान की प्रथम नगर पालिका—माउण्ट आबू, इसकी स्थापना 1864 में की गई थी।
- राज्य का सर्वाधिक आर्द्र स्थान-माउण्ट आबू।
- सेव की खेती राज्य में सर्वप्रथम माउण्ट आबू में प्रारम्भ हुई।
- देश का सबसे बड़ा रसोईघर-माउण्ट आबू के प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के शान्तिवन कैम्पस में है।
- विश्व हृदय सम्मेलन 28-30 सितम्बर 2007 को माऊण्ट आबू में सम्पन्न हुआ।
- माउण्ट आबू में देश का सबसे बड़ा फिश एक्वेरियम अवस्थित है।
- ग्रीष्म महोत्सव—जून में एवं शरद महोत्सव दिसम्बर में माउण्ट आबू में आयोजित होता है।
- डिकिल पटेरा आबू एन्सिस पादप—विश्व में एकमात्र आबू पर्वत में ही मिलते हैं।
- न्यूनतम सहकारी समितियाँ—सिरोही जिले में है।
- सिरोही जिले की पहाडिय़ाँ भाकर कहलाती है।
- माउण्ट आबू को राजस्थान का शिमला, राजस्थान का बर्खोयान्सक कहते हैं।
- राजस्थान एकीकरण के दौरान सबसे अन्त में सिरोही रियासत शामिल हुई।
- सिरोही के वाल्दा एवम् आबू रेवदर क्षेत्रों से टंगस्टन प्राप्त हुआ है।
- कुंवारी कन्या का मन्दिर—दिलवाड़ा।
- वालर नृत्य—गरासिया आदिवासियों द्वारा बिना किसी वाद्य यंत्र के किया जाने वाला नृत्य है, जो सिरोही व आबू क्षेत्र में लोकप्रिय है।
- सिरोही जिले में चम्पा बावड़ी का निर्माण चम्पा कंवर ने कराया था।
- मेघवालों की रम्मत सिरोही में रावलियों द्वारा खेली जाती है।
- केमिलोन—भारत के अधिकतर क्षेत्रों से विलुप्त हो चुका गिरगिट प्रजाति का यह जंतु जून, 2006 में माउंट आबू (सिरोही) के पर्वतों में देखा गया। केमिलोन नामक इस जन्तु को स्थानीय भाषा में ‘हालाडूला या गिरडा’ कहते है जिसका अर्थ होता है ‘आलसी की तरह’।
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